राजस्थान खनिज
(1).भारत में सबसे अधिक जिप्सम राजस्थान में मिलता है।
(2). जिप्सम का राजस्थान में मुख्यतः चार क्षेत्रों में खनन होता है।
● नागौर क्षेत्र - गोठ-मांगलोद, भदवासी, मंगोल।
● चूरू - बीकानेर क्षेत्र - जामसर, लूणकरणसर, तारानगर।
● जैसलमेर - बाड़मेर क्षेत्र - मोहनगढ़, हमीरवाली।
● पाली - जोधपुर क्षेत्र - फालसुन्द, मंगलोद।
(3). जिप्सम का सर्वाधिक उपयोग उर्वरक बनाने में होता है।
(4). खनिज तेल हाइड्रोकार्बन यौगिक का मिश्रण होता है।
(5). राज्य में पेट्रोलियम अन्वेषण, उत्पादन, परिशोधन, वितरण, परिवहन, हेतु राजस्थान स्टेट पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड का गठन किया गया।
(6). राजस्थान में अच्छी किस्म के मार्बल का 1100 मिलियन टन का अकूत भंडार है।
(7). टंगस्टन वुल्फ्रेमाइट अयस्क से प्राप्त होता है।
(8). ऐसी प्रक्रिया जिसे सत्य के नीचे से हम खनिजों का दोहन करते हैं खनन कहलाती है।
(9). राजस्थान में तांबे के 13 करोड़ टन से अधिक भंडारों का अनुमान है।
(11). सीसा जस्ता मिश्रित अयस्क गैलेना मैं मिलता है इसके अलावा कैलीमीन, जिंकाइट विमेलाइट, मुख्य अयस्क है।
★ प्राकृतिक संसाधनों की उपलब्धता ऊर्जा संसाधन मानव संसाधन तकनीकी विकास का स्तर तथा आधुनिक परिवहन व संचार के साधन औद्योगीकरण के आधारभूत तत्व है।
★ राजस्थान के गठन के समय मात्र 11 वृहद उद्योग तथा 207 पंजीकृत छोटे कारखाने थे।
★ वर्तमान में औद्योगिक विकास हेतु राज्य में 36 जिला उद्योग केंद्र व 7 उप केंद्र कार्यरत है।
★ औद्योगिक विकास हेतु 2015 में विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) विधायक पारित किया गया तथा राज्य सरकार ने मेक इन राजस्थान का नारा दिया
★ औद्योगिक विकास हेतु राज्य सरकार द्वारा 1978, 1990, 1994 व 1998 में औद्योगिक नीतियां बनाई गई।
✓सूती वस्त्र उद्योग
★ राजस्थान में प्रथम सूती वस्त्र कारखाना दी कृष्णा मिल्स लिमिटेड ब्यावर में सन् 1889 में सेठ दामोदर दास व्यास द्वारा निजी क्षेत्र में स्थापित की गई।
★ ब्यावर में ही 1906 में एडवर्ड मिल्स लिमिटेड के नाम से दूसरी तथा 1925 में श्री महालक्ष्मी मिल्स लिमिटेड के नाम से तीसरी सूती वस्त्र मिल की स्थापना की गई।
★ आजादी से पूर्व भीलवाड़ा में मेवाड़ टैक्सटाइल्स मिल्स 1938 में, पाली में 1942 में महाराजा उमेद सिंह मिल्स लिमिटेड तथा सन 1946 में गंगानगर में शार्दुल टेक्सटाइल लिमिटेड स्थापित की गई थी।
★ राजस्थान की सबसे बड़ी सूती वस्त्र मिल महाराजा उम्मेद मिल है।
★ भीलवाड़ा को वस्त्र उत्पादन की दृष्टि से राजस्थान का मेनचेस्टर में वस्त्र नगरी कहा जाने लगा है।
★ वर्तमान में अधिकांश नवीन सूती वस्त्र मिले राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास में विनियोग निगम लिमिटेड की सहायता से शुरू की गई है।
★राज्य में सन 1951 में 5 सूती वस्त्र मिले थे जो लगभग 30 लाख मीटर कपड़े का उत्पादन करती थी ।
★वर्तमान में 28 कपड़ा मिले हैं जो 482.07 मीटर कपड़े का उत्पादन करती है।
✓ सीमेंट उद्योग
★ सामान्यतः 1 टन सीमेंट के निर्माण में 1.5 टन चुना पत्थर, 1.2 टन कोयला व 0.3 टन जिप्सम प्रयुक्त होता है। 3 टन कच्चे माल से 1 टन सीमेंट का निर्माण होता है।
★ राजस्थान का सीमेंट उत्पादन में आंध्र प्रदेश के बाद देश में द्वितीय स्थान है
★ राज्य में 2.5 बिलीयन टन चुना पत्थर के भंडार है।
★ राजस्थान में सबसे पहले सीमेंट का कारखाने की शुरुआत 1915 में एसीसी कंपनी द्वारा लाखेरी में स्थापना के साथ हुई।
★ वर्तमान में सन 2012 के अनुसार राज्य में सीमेंट बनाने के 19 बड़े 4 मध्यम और 104 लघु कारखाने स्थापित है।
★ गोटन में जेके वाइट सीमेंट तथा खारिया खंगार में बिरला व्हाइट सीमेंट के कारखाने है
★ राजस्थान में सीमेंट उद्योग के तीव्र विकास के मार्ग की कुछ महत्वपूर्ण बाधाएं-
● पुरानी उत्पादन तकनीक
● कोयले की कमी
●ब्रॉडगेज की कमी
●विद्युत की अनियमित आपूर्ति
●अपर्याप्त मांग
★ राजस्थान में वर्तमान में श्री, बिरला, ग्रासिम, अंबुजा, एसीसी, बांगर, बिनानी, लक्ष्मी व वंडर प्रमुख सीमेंट कंपनियां अस्तित्व में है।
राजस्थान खनिज व उद्योग राजस्थान में खनिज व उद्योग संबंधी जीके
Reviewed by Dharmaram
on
November 13, 2018
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