भारत के संविधान की विशेषताएं
★ भारतीय संविधान की प्रमुख विशेषता ही निम्नलिखित हैं-----
● संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न संविधान,
● प्रस्तावना,
● विश्व का सबसे विशाल संविधान,
● लिखित व निर्मित संविधान,
● संसदीय शासन व्यवस्था,
● मौलिक अधिकार व कर्तव्य,
● राज्य के नीति निर्देशक तत्व ,
● समाजवादी राज्य,
● वयस्क मताधिकार,
● पंथनिरपेक्ष राज्य,
● स्वतंत्र न्यायपालिका,
● विलक्षण दस्तावेज,
●एकात्मक और संघात्मक तत्वों का अद्भुत संयोग,
● कठोरता व लचीलापन का मिश्रण,
● न्यायिक पुनरावलोकन व संसदीय संप्रभुता का समन्वय,
● विश्व शांति का समर्थक,
● आपातकालीन उपबंध,
● एकल नागरिकता,
● लोक कल्याणकारी राज्य की स्थापना का आदर्श,
● अल्पसंख्यक एवं पिछड़े वर्गों के कल्याण की विशेष व्यवस्था।
★ प्रस्तावना- भारत के संविधान के प्रारंभ में एक प्रस्तावना दी गई है सविधान के मूल प्रस्तावना में 42 वें संविधान संशोधन 1976 के द्वारा "समाजवादी" "पंथनिरपेक्षता" तथा "अखंडता" शब्दों को और जोड़ा गया है।
★ प्रस्तावना का घोषणात्मक भाग है--- "हम भारत के लोग........ इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।"
★ प्रस्तावना में जिन उद्देश्यों का उल्लेख किया गया है वे है-- संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य की स्थापना करना है।
★ प्रस्तावना में जिन आदर्शों की प्राप्ति तथा उन्हें बनाए रखने हेतु उल्लेख किया गया है वह सामाजिक आर्थिक व राजनीतिक न्याय स्वतंत्रता समानता और बंधुत्व तथा व्यक्ति की गरिमा व राष्ट्र की एकता व अखंडता।
★ भारतीय संविधान को संविधान सभा द्वारा अंगीकार 26 नवंबर 1949 में किया गया।
★ भारत के संविधान में अनुच्छेद 395 है
★ नीति निर्देशक तत्व आयरलैंड के संविधान से लिए गए हैं।
★ राज्य में संवैधानिक संकट होने पर राष्ट्रपति शासन संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत लगाया जाता है।
★ भारत की संविधान की प्रस्तावना में प्रयुक्त हम भारत के लोग........ वाक्यांश से तात्पर्य---- संविधान को स्वीकार करने वाले भारत के नागरिक है।
★ प्रस्तावना न्याय का स्वरूप सामाजिक न्याय, आर्थिक न्याय, व राजनीतिक न्याय है।
★ भारतीय संविधान के निर्माण में 2 वर्ष 11 माह 18 दिन का समय लगा।
★ भारतीय संविधान में 12 अनुसूचियां हैं।
★ भारत के संविधान की प्रस्तावना से तात्पर्य भारत के संविधान के आदर्शों को समेकित दर्शन अर्थात संविधान की आत्मा।
★ संविधान में अब तक 101 संविधान संशोधन किए जा चुके हैं।
★ प्रस्तावना संविधान की प्रेरणा और प्राण है क्योंकि इसमें संविधान के मौलिक देशों में लक्ष्यों को दर्शाया गया है।
★ सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
★ देश के किसी हिस्से में सशस्त्र विद्रोह की स्थिति में अनुच्छेद 352 के तहत आपातकाल लागू किया जाता है।
★ संविधान के ●अनुच्छेद 352 के अनुसार बाहरी आक्रमण सशस्त्र विद्रोह एवं युद्ध की स्थिति में
●अनुच्छेद 356 के अनुसार राज्य में संविधान तंत्र की विफलता की स्थिति में तथा
●अनुच्छेद 360 के अनुसार वित्तीय संकट उत्पन्न होने पर संपूर्ण देश या देश के किसी भाग में आपातकाल लागू किया जा सकता है इसमें शासन राष्ट्रपति शासन के अधीन संचालित होता है।
★मौलिक अधिकार व कर्तव्य--- भारतीय संविधान में नागरिकों के मूल अधिकार दिए गए हैं-
● समानता का अधिकार
● स्वतंत्रता का अधिकार
● शोषण के विरुद्ध अधिकार
● धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार
●शिक्षा व सांस्कृतिक का अधिकार
● सेम आधुनिक उपचारों का अधिकार
★ हमारे संविधान के भाग 4 में राज्य के नीति निर्देशक तत्वों का वर्णन किया गया है यह तत्व विचार है जो भावी सरकारों के समक्ष पथ प्रदर्शक की भूमिका का निर्वाह करते हैं यह यह ले में वाद योग्य नहीं है।
★ वर्तमान में हमारे देश के संविधान में 18 वर्ष की आयु प्राप्त प्रत्येक नागरिक को समान रूप से मताधिकार प्रदान किया गया है।
★ 42 वें संविधान संशोधन 1976 द्वारा भारत को समाजवादी गणराज्य घोषित किया गया है।
★ भारतीय संविधान में नागरिकों के मूल अधिकारों का वर्णन संविधान के अनुच्छेद 12 से 35 तक किया गया है।
★ भारतीय संविधान की प्रमुख विशेषता ही निम्नलिखित हैं-----
● संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न संविधान,
● प्रस्तावना,
● विश्व का सबसे विशाल संविधान,
● लिखित व निर्मित संविधान,
● संसदीय शासन व्यवस्था,
● मौलिक अधिकार व कर्तव्य,
● राज्य के नीति निर्देशक तत्व ,
● समाजवादी राज्य,
● वयस्क मताधिकार,
● पंथनिरपेक्ष राज्य,
● स्वतंत्र न्यायपालिका,
● विलक्षण दस्तावेज,
●एकात्मक और संघात्मक तत्वों का अद्भुत संयोग,
● कठोरता व लचीलापन का मिश्रण,
● न्यायिक पुनरावलोकन व संसदीय संप्रभुता का समन्वय,
● विश्व शांति का समर्थक,
● आपातकालीन उपबंध,
● एकल नागरिकता,
● लोक कल्याणकारी राज्य की स्थापना का आदर्श,
● अल्पसंख्यक एवं पिछड़े वर्गों के कल्याण की विशेष व्यवस्था।
★ प्रस्तावना- भारत के संविधान के प्रारंभ में एक प्रस्तावना दी गई है सविधान के मूल प्रस्तावना में 42 वें संविधान संशोधन 1976 के द्वारा "समाजवादी" "पंथनिरपेक्षता" तथा "अखंडता" शब्दों को और जोड़ा गया है।
★ प्रस्तावना का घोषणात्मक भाग है--- "हम भारत के लोग........ इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।"
★ प्रस्तावना में जिन उद्देश्यों का उल्लेख किया गया है वे है-- संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य की स्थापना करना है।
★ प्रस्तावना में जिन आदर्शों की प्राप्ति तथा उन्हें बनाए रखने हेतु उल्लेख किया गया है वह सामाजिक आर्थिक व राजनीतिक न्याय स्वतंत्रता समानता और बंधुत्व तथा व्यक्ति की गरिमा व राष्ट्र की एकता व अखंडता।
★ भारतीय संविधान को संविधान सभा द्वारा अंगीकार 26 नवंबर 1949 में किया गया।
★ भारत के संविधान में अनुच्छेद 395 है
★ नीति निर्देशक तत्व आयरलैंड के संविधान से लिए गए हैं।
★ राज्य में संवैधानिक संकट होने पर राष्ट्रपति शासन संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत लगाया जाता है।
★ भारत की संविधान की प्रस्तावना में प्रयुक्त हम भारत के लोग........ वाक्यांश से तात्पर्य---- संविधान को स्वीकार करने वाले भारत के नागरिक है।
★ प्रस्तावना न्याय का स्वरूप सामाजिक न्याय, आर्थिक न्याय, व राजनीतिक न्याय है।
★ भारतीय संविधान के निर्माण में 2 वर्ष 11 माह 18 दिन का समय लगा।
★ भारतीय संविधान में 12 अनुसूचियां हैं।
★ भारत के संविधान की प्रस्तावना से तात्पर्य भारत के संविधान के आदर्शों को समेकित दर्शन अर्थात संविधान की आत्मा।
★ संविधान में अब तक 101 संविधान संशोधन किए जा चुके हैं।
★ प्रस्तावना संविधान की प्रेरणा और प्राण है क्योंकि इसमें संविधान के मौलिक देशों में लक्ष्यों को दर्शाया गया है।
★ सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
★ देश के किसी हिस्से में सशस्त्र विद्रोह की स्थिति में अनुच्छेद 352 के तहत आपातकाल लागू किया जाता है।
★ संविधान के ●अनुच्छेद 352 के अनुसार बाहरी आक्रमण सशस्त्र विद्रोह एवं युद्ध की स्थिति में
●अनुच्छेद 356 के अनुसार राज्य में संविधान तंत्र की विफलता की स्थिति में तथा
●अनुच्छेद 360 के अनुसार वित्तीय संकट उत्पन्न होने पर संपूर्ण देश या देश के किसी भाग में आपातकाल लागू किया जा सकता है इसमें शासन राष्ट्रपति शासन के अधीन संचालित होता है।
★मौलिक अधिकार व कर्तव्य--- भारतीय संविधान में नागरिकों के मूल अधिकार दिए गए हैं-
● समानता का अधिकार
● स्वतंत्रता का अधिकार
● शोषण के विरुद्ध अधिकार
● धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार
●शिक्षा व सांस्कृतिक का अधिकार
● सेम आधुनिक उपचारों का अधिकार
★ हमारे संविधान के भाग 4 में राज्य के नीति निर्देशक तत्वों का वर्णन किया गया है यह तत्व विचार है जो भावी सरकारों के समक्ष पथ प्रदर्शक की भूमिका का निर्वाह करते हैं यह यह ले में वाद योग्य नहीं है।
★ वर्तमान में हमारे देश के संविधान में 18 वर्ष की आयु प्राप्त प्रत्येक नागरिक को समान रूप से मताधिकार प्रदान किया गया है।
★ 42 वें संविधान संशोधन 1976 द्वारा भारत को समाजवादी गणराज्य घोषित किया गया है।
★ भारतीय संविधान में नागरिकों के मूल अधिकारों का वर्णन संविधान के अनुच्छेद 12 से 35 तक किया गया है।
भारत के संविधान की विशेषताएं
Reviewed by Dharmaram
on
November 24, 2018
Rating:

Useful material
ReplyDelete