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परिवहन (transport)

★ परिवहन से आशय यात्रियों एवं वस्तुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान पर लाने ले जाने से है।
                            परिवहन के साधन
                                          |
    स्थल                            जल                          वायु
   सड़क                     अंतः स्थलीय                      राष्ट्रीय
   रेलवे                    सागरीय व महासागर            अंतरराष्ट्रीय
पाइपलाइन

परिवहन तंत्र के विकास को प्रभावित करने वाले कारक
★ भौतिक कारक : 50% से अधिक रेल मार्ग उत्तर भारत में है। कच्ची सड़क सर्वाधिक मैदानी भाग में जबकि पक्की सड़कें पठारी क्षेत्र में।
★ सांस्कृतिक कारक : पश्चिमी रेगिस्तान में कम विकास हुआ वहां जनसंख्या निवास कम है।
★ आर्थिक कारक : खनिज एवं औद्योगिक बहुलता वाले क्षेत्रों में परिवहन मार्गों का विकास अधिक होता है।
★ सुरक्षात्मक कारक : सीमाओं की सुरक्षा एवं सैनिकों की आवश्यकताओं सैन्य सामग्री पहुंचाने के लिए विकास किया जाता है। सन 1962 में चीन के आक्रमण का मुकाबला हम परिवहन साधन के अभाव में ही पूरी शक्ति के साथ नहीं कर सके।
★ राजनीतिक कारक : सरकारी नीति में राजनीतिक इच्छाशक्ति व उद्देश्य का भी परिवहन विकास पर प्रभाव पड़ता है।

सड़क परिवहन

★ चंद्रगुप्त मौर्य ने पाटलिपुत्र को उत्तरी पश्चिमी सीमांत से      जोड़ने के लिए सड़क का निर्माण करवाया था जो पक्की थी एवं उसमें पानी की निकासी की भी समुचित व्यवस्था थी।
★ इससे लगभग 400 वर्ष पूर्व से 300 ईसवी तक उत्तरी भारत में दो मार्गों से आंतरिक व्यापार होता था जो पाटलिपुत्र से काबुल सिंध घाटी तक विस्तृत था।
★ 700 इसवी में चीनी यात्रा रोशन ने भारत और चीन के मध्य तीन मुख्य व्यापारिक मार्ग का उल्लेख किया है।
★शेरशाह सूरी ने ढाका से वाराणसी आगरा दिल्ली होते हुए लाहौर और वहां से सिंधु का नदी तक ग्रांड ट्रक रोड बनवाई जिसकी शाखाएं आगरा से जोधपुर आगरा इंदौर और लाहौर से मुल्तान तथा आगरा से चित्तौड़गढ़ तक जाती है।
★ ब्रिटिश शासन ने भी भारत में सड़क मार्गों का निर्माण करवाया लेकिन रेलवे परिवहन में आ जाने के पश्चात उन्होंने सड़क परिवहन की अपेक्षा उस पर अधिक ध्यान दिया।
★ स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात पुण्य सड़क मार्गों का विकास तीव्र गति से हुआ उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार देश में 2015 में सड़कों की कुल लंबाई 48.85 लाख किमी थी जो देश के कुल परिवहन का लगभग 80% तक रहती है।

● सड़क परिवहन का महत्व

     ★ उपभोक्ता के घर तक पहुंच।
     ★ व्यापकता : उबड़ खाबड़ मरुस्थली सभी धरातलीय क्षेत्रों             में  सड़क निर्माण संभव।
     ★ कृषि विकास में सहायक : कृषि उपकरण बीज, खाद को              खुले हुए अतिरिक्त उत्पादन को बाजार तक पहुंचाने में                 सहायक।
      ★ लचीलापन : कहीं भी रोक कर सवारी व सामान लिया जा            सकता है।
     ★ शीघ्र खराब होने वाली वस्तुओं का परिवहन : दूध, सब्जी,           फल जैसी सामग्री को  मांग क्षेत्र तक पहुंचाने में सहायक।
    ★ सड़क निर्माण और मरम्मत का खर्च अन्य परिवहन साधन            की अपेक्षा कम।
    ★ कम दूरी के लिए आदर्श परिवहन साधन।
     ★ युद्ध एवं अकाल प्राकृतिक आपदा के समय सड़क मार्ग ही          सदैव उपयोग करते हैं।
     ★ ग्रामीण भारत के समुचित विकास हेतु सर्वप्रिय साधन।
     ★ लघु से वृहत उद्योग के विकास में सहायक।

भारतीय सड़कों के प्रकार

     ● राष्ट्रीय महामार्ग
     ● राज्य राजमार्ग
     ● जिला सड़के
     ● ग्रामीण सड़कें
     ● सीमावर्ती सड़कें
परिवहन, transport, भारत में परिवहन, transport in India, परिवहन, transport, भारत में परिवहन, transport in India, Reviewed by Dharmaram on November 24, 2018 Rating: 5

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